दो पहलू होते हैं जिंदगी के 'सिंधवाल' सुख दुख भी बांटेंगे आधा याद है मुझे। दो पहलू होते हैं जिंदगी के 'सिंधवाल' सुख दुख भी बांटेंगे आधा याद है मुझे।
अपने किये वादे भूल रहे हैं और इधर लोग अपने किये वादे भूल रहे हैं और इधर लोग
वक्त बचा बहुत कम फैला कारोबार है तानों उलाहनों की मची भरमार है वक्त बचा बहुत कम फैला कारोबार है तानों उलाहनों की मची भरमार ...
सुकून का सिलसिला न रहा अब रूठना, मनाना, वादे निभाना कल सा हो गया सब। सुकून का सिलसिला न रहा अब रूठना, मनाना, वादे निभाना कल सा हो गया सब।
हर रीत सीखा देना सजन अपने घर आंगन में। हर रीत सीखा देना सजन अपने घर आंगन में।
सच कह देते शादी कर ली झूठ क्यों। सच कह देते शादी कर ली झूठ क्यों।